बिरला जी ने अभी कहा कि उनके परिवार और हमारे परिवार के बीच पुराना रिश्ता है। तो मैं उनसे यह कहना चाहता हूं कि ये लोग जो यहां बैठे है यह भी हमारे परिवार के लोग है। आपका रिश्ता हमारे परिवार से है, इसका मतलब आपका रिश्ता इनके परिवार से भी है। तो मैं आपका स्वागत करना चाहता हूं। जो हमने इनसे बातचीत की उसके बारे में मैं आपको बताना चाहता हूं। अच्छा भइया आलू का दाम क्या है बाजार में? दश रूपया किलो। अच्छा चिप्स का 6 या 10? छह रूपया। जो आलू का चिप्स होता है वह आप लोग कितने में खरीदते हो? तकरीबन चार सौ रूपये किलो। चार सौ रूपये किलो चिप्स और 6 या 10 रूपये किलो आलू।
कुछ दिन पहले मैं किसान से बात कर रहा था। उनसे मैने पूछा कि भाई बताओं आपकी जो हके हैं आपको कितना पैसा मिलता है और बाकी लोगों को कितना पैसा मिलता है? जब उसने मुझे बताया तो मैं हैरान हो गया। सच्चाई यह है कि अगर पूरे देश में सबको देखा जाए तो सबसे ज्यादा जो काम करता है, सबसे ज्यादे जिसका पसीना लगता है। उसको सबसे कम पैसा मिलता है। लेकिन यहां जो किसान है उनको सबसे ज्यादे फायदा मिलेगा। मैं चाहता हूं भाई अगर चार सौ रूपये चिप्स में लगते हैं। जो आज आपको दो तीन रूपये में मिलते है, आपको चार सौ में से ज्यादा से ज्यादा मिले और इसलिए हमने यहां फूड पार्क लगाया।
यह फूड पार्क सिर्फ एक सब्जी के लिए नहीं है। मैने बिरला जी से दो-तीन चीजे कही। हिन्दुस्तान में सब्से ज्यादा आम कौन सा राज्य पैदा करता है? उत्तर प्रदेश। और पूरा का पूरा दिल्ली से एक्सपोर्ट होता है। जो यूपी का किसान है। जिसका आम आज लंदन जा रहा है, अमेरिका जा रहा है। उसको जीतना फायदा होना चाहिए नहीं हो रहा है। सोच यह है कि वह चाहे आम हो, मेंथा हो या आंवला हो, जो भी उत्तर प्रदेश में पैदा हो, हमारा सोच यह है कि उसकी प्रसंस्करण अमेठी में कि जाये, यहां कि जाये। यहां कृषि हब बनना चाहिए, तब आएगा मजा।
अब इसको करने के लिए हमने क्या किया? राजीव जी ने काम शुरू किया नेशनल हाइवे का और आप लोग जानते हो पिछले चार-पांच सालों में नेशनल हाइवे का काम किया और हाइवे हमने यहां से निकाला है। यहीं पर आपका एयरपोर्ट है। आम व अन्य के अलग-अलग 40 कारखाने लगे हैं। बिरला जी ने कहा कि 40 हजार लोगों को फायदा मिलेगा, 25 हजार लोगों को इनडायरेक्ट रोजगार मिलेगा और 2500 लोगों को डायरेक्ट रोजगार मिलेगा। मगर यह एक शुरूआत है। क्योंकि जब प्रसंस्करण यहां शुरू हो जाएगी, जब पूरा यूपी का आम यहां से चलना शूरू हो जाएगा। आज जो समान यहां उगाई जाती है उसका सीधा निर्यात होता है, फिर प्रसंस्करण दूसरे देशों में होती है और फिर हम उसको वापस खरिदते हैं। मैं चाहता हूं कि प्रसंस्करण यहां अमेठी में हो। 40-50 कारखाने यहां लगेंगे और किसान को लगेगा कि जो आज पसीना देते है, जो हम काम कर रहे हैं उसका फायदा हमे मिल रहा है।
जब आपने मुझे कहा कि चार सौ रूपया चिप्स का दाम है, तो जो यहां किसान बैठे है वह पूछ रहे होंगे कि भइया इसमे चार सौ रूपया का है क्या? आलू तो होता है उसमें। तो उनको आने वाले समय में यह लगना चाहिए कि प्रसंस्करण हो रही है, हमारे यहां हो रही है। अगर हम कुछ बेच रहे हैं तो हम सीधे फूड प्रसंस्करण पार्क को बेचते है। बिरला जी ने मुझे बताया कि फूड प्रसंस्करण की बात तो छोड़िए इनकी सोच है कि किसान बेचे तो सीधे अपने घर से बेचे। उसको यह भी कष्ट न हो कि उसे उठाना पड़े। तो यह सोच है और इससे आपको बहुत ज्यादा फायदा होने वाला है।
दो-तीन चीजे मैं और कहना चाहता हूं। हिन्दुस्तान पेपर मिल की लड़ाई के बारे में आप जानते है। लंबी लड़ाई थी 10 हजार लोगों की लंबी लड़ाई थी और मैं आप लोगों को खुशी से कहना चाहता हूं कि यह लड़ाई भी हम जीत गये। अब कुछ ही दिन में हिंदुस्तान पेपर मील का भी हम उद्घाटन करने वाले है। उससे सिधे 10 हजार लोगों को फायदा मिलेगा। हम लगे रहते है मगर बिरला जी हमारी शक्ति यहां से आती है। जो भी हम है, जो भी हम काम कर सकते है। वह इन लोगों के मदद से हम कर सकते है। यह हमारा परिवार है। और आज एक एतिहासिक दिन है क्योंकि आपको भी हमने इस परिवार में शामिल किया है। आप और हम मिलकर अब अमेठी की किसान की लड़ाई लड़ेंगे और उस लड़ाई को भी हम जीतेंगे और किसान को व आम जनता को फायदा पहुंचाएंगे। आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद, नमस्कार
कुछ दिन पहले मैं किसान से बात कर रहा था। उनसे मैने पूछा कि भाई बताओं आपकी जो हके हैं आपको कितना पैसा मिलता है और बाकी लोगों को कितना पैसा मिलता है? जब उसने मुझे बताया तो मैं हैरान हो गया। सच्चाई यह है कि अगर पूरे देश में सबको देखा जाए तो सबसे ज्यादा जो काम करता है, सबसे ज्यादे जिसका पसीना लगता है। उसको सबसे कम पैसा मिलता है। लेकिन यहां जो किसान है उनको सबसे ज्यादे फायदा मिलेगा। मैं चाहता हूं भाई अगर चार सौ रूपये चिप्स में लगते हैं। जो आज आपको दो तीन रूपये में मिलते है, आपको चार सौ में से ज्यादा से ज्यादा मिले और इसलिए हमने यहां फूड पार्क लगाया।
यह फूड पार्क सिर्फ एक सब्जी के लिए नहीं है। मैने बिरला जी से दो-तीन चीजे कही। हिन्दुस्तान में सब्से ज्यादा आम कौन सा राज्य पैदा करता है? उत्तर प्रदेश। और पूरा का पूरा दिल्ली से एक्सपोर्ट होता है। जो यूपी का किसान है। जिसका आम आज लंदन जा रहा है, अमेरिका जा रहा है। उसको जीतना फायदा होना चाहिए नहीं हो रहा है। सोच यह है कि वह चाहे आम हो, मेंथा हो या आंवला हो, जो भी उत्तर प्रदेश में पैदा हो, हमारा सोच यह है कि उसकी प्रसंस्करण अमेठी में कि जाये, यहां कि जाये। यहां कृषि हब बनना चाहिए, तब आएगा मजा।
अब इसको करने के लिए हमने क्या किया? राजीव जी ने काम शुरू किया नेशनल हाइवे का और आप लोग जानते हो पिछले चार-पांच सालों में नेशनल हाइवे का काम किया और हाइवे हमने यहां से निकाला है। यहीं पर आपका एयरपोर्ट है। आम व अन्य के अलग-अलग 40 कारखाने लगे हैं। बिरला जी ने कहा कि 40 हजार लोगों को फायदा मिलेगा, 25 हजार लोगों को इनडायरेक्ट रोजगार मिलेगा और 2500 लोगों को डायरेक्ट रोजगार मिलेगा। मगर यह एक शुरूआत है। क्योंकि जब प्रसंस्करण यहां शुरू हो जाएगी, जब पूरा यूपी का आम यहां से चलना शूरू हो जाएगा। आज जो समान यहां उगाई जाती है उसका सीधा निर्यात होता है, फिर प्रसंस्करण दूसरे देशों में होती है और फिर हम उसको वापस खरिदते हैं। मैं चाहता हूं कि प्रसंस्करण यहां अमेठी में हो। 40-50 कारखाने यहां लगेंगे और किसान को लगेगा कि जो आज पसीना देते है, जो हम काम कर रहे हैं उसका फायदा हमे मिल रहा है।
जब आपने मुझे कहा कि चार सौ रूपया चिप्स का दाम है, तो जो यहां किसान बैठे है वह पूछ रहे होंगे कि भइया इसमे चार सौ रूपया का है क्या? आलू तो होता है उसमें। तो उनको आने वाले समय में यह लगना चाहिए कि प्रसंस्करण हो रही है, हमारे यहां हो रही है। अगर हम कुछ बेच रहे हैं तो हम सीधे फूड प्रसंस्करण पार्क को बेचते है। बिरला जी ने मुझे बताया कि फूड प्रसंस्करण की बात तो छोड़िए इनकी सोच है कि किसान बेचे तो सीधे अपने घर से बेचे। उसको यह भी कष्ट न हो कि उसे उठाना पड़े। तो यह सोच है और इससे आपको बहुत ज्यादा फायदा होने वाला है।
दो-तीन चीजे मैं और कहना चाहता हूं। हिन्दुस्तान पेपर मिल की लड़ाई के बारे में आप जानते है। लंबी लड़ाई थी 10 हजार लोगों की लंबी लड़ाई थी और मैं आप लोगों को खुशी से कहना चाहता हूं कि यह लड़ाई भी हम जीत गये। अब कुछ ही दिन में हिंदुस्तान पेपर मील का भी हम उद्घाटन करने वाले है। उससे सिधे 10 हजार लोगों को फायदा मिलेगा। हम लगे रहते है मगर बिरला जी हमारी शक्ति यहां से आती है। जो भी हम है, जो भी हम काम कर सकते है। वह इन लोगों के मदद से हम कर सकते है। यह हमारा परिवार है। और आज एक एतिहासिक दिन है क्योंकि आपको भी हमने इस परिवार में शामिल किया है। आप और हम मिलकर अब अमेठी की किसान की लड़ाई लड़ेंगे और उस लड़ाई को भी हम जीतेंगे और किसान को व आम जनता को फायदा पहुंचाएंगे। आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद, नमस्कार
http://www.pressbrief.in/index.php/component/option,com_seyret/Itemid,26/id,1217/task,videodirectlink/
No comments:
Post a Comment